दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, का पर्व मुख्यतः भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। यह कहानी रामायण से जुड़ी हुई है।
कथा के अनुसार, भगवान राम, जिन्हें अयोध्या के राजा दशरथ का बेटा माना जाता है, को उनके पिता ने 14 वर्षों के लिए वनवास दिया था। इस वनवास के दौरान, रावण ने सीता का अपहरण कर लिया। भगवान राम ने सीता को बचाने के लिए लक्ष्मण और हनुमान के साथ मिलकर रावण के खिलाफ युद्ध किया।
भगवान राम ने रावण का वध किया और सीता को मुक्त किया। 14 वर्षों बाद, जब राम, सीता और लक्ष्मण अयोध्या लौटे, तो अयोध्यावासियों ने उनकी विजय और वापसी का स्वागत करने के लिए अपने घरों में दीप जलाए। उन दीपों ने पूरे शहर को रोशन कर दिया और इस दिन को दीपावली के रूप में मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई।
इसके अलावा, दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है। मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी घरों में आती हैं और धन, सुख, और समृद्धि का वरदान देती हैं। इस प्रकार, दिवाली न केवल प्रकाश और खुशियों का पर्व है, बल्कि यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक भी है।
दिवाली पर लोग एक-दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं, पटाखे जलाते हैं और एक साथ खुशियां मनाते हैं। यह पर्व हमारे जीवन में सकारात्मकता और एकता का संदेश देता है।