Saturday December 21, 2024
Generic selectors
Exact matches only
Search in title
Search in content
Post Type Selectors
test

सत्य नडेला, 19 अगस्त 1967 को भारत के हैदराबाद में जन्मे, एक ऐसे परिवार में पले-बढ़े, जहाँ शिक्षा और महत्वाकांक्षाओं पर जोर दिया जाता था। उनके पिता, बुक्कापुरम नडेला युगंधर, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी थे, जिससे नडेला में अनुशासन और जनसेवा की भावना विकसित हुई। वहीं, उनकी माँ, जो संस्कृत की शिक्षिका थीं, ने उनमें बौद्धिक जिज्ञासा को प्रोत्साहित किया। इस सहयोगी वातावरण ने नडेला की सीखने और प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि को बढ़ावा दिया, जो उनके भविष्य के मार्गदर्शक मूल्य बने।

मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद, नडेला ने संयुक्त राज्य अमेरिका का रुख किया, जहाँ उन्होंने विस्कॉन्सिन-मिलवॉकी विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री और शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया। इस शिक्षा के साथ वे 1992 में माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े और जल्द ही कंपनी में ऊंचे पदों तक पहुँच गए, विशेषकर क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफार्म, Azure को विकसित करने में उनका अहम योगदान रहा।

2014 में, नडेला को माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ नियुक्त किया गया, जहाँ उन्होंने “विकास मानसिकता” (growth mindset) का दर्शन अपनाया, जो निरंतर सीखने और अनुकूलन पर बल देता है। इस बदलाव ने माइक्रोसॉफ्ट की संस्कृति को बदल दिया, जिससे कंपनी विंडोज पर निर्भरता से बाहर निकलकर क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मल्टी-प्लेटफार्म समाधानों पर केंद्रित हुई। नडेला ने सहानुभूति, समावेशिता और विविधता को बढ़ावा दिया, जो उनके व्यक्तिगत अनुभवों और पारिवारिक जीवन से प्रेरित था।

नडेला के नेतृत्व में माइक्रोसॉफ्ट ने 2016 में लिंक्डइन (LinkedIN) और 2018 में गिटहब (GitHub) जैसी कंपनियों का अधिग्रहण किया, जिससे कंपनी की सेवाओं और प्रभाव का दायरा सोशल मीडिया और डेवलपर समुदायों तक बढ़ गया। उन्होंने तकनीकी पहुंच को व्यापक बनाने पर भी ध्यान केंद्रित किया ताकि तकनीक सभी के लिए सुलभ हो सके।

2017 में प्रकाशित अपनी पुस्तक Hit Refresh में, नडेला ने इन परिवर्तनों पर विचार व्यक्त किए, जिसमें उनकी दृष्टि और मूल्य झलकते हैं। अपने सहानुभूतिपूर्ण और दूरदर्शी नेतृत्व के माध्यम से नडेला ने न केवल माइक्रोसॉफ्ट को पुनर्जीवित किया बल्कि वैश्विक तकनीकी उद्योग में समावेशी और नवाचारी नेतृत्व के नए मानदंड स्थापित किए। उनका योगदान दृढ़ता, विकास, और सांस्कृतिक परिवर्तन का प्रतीक है, जिससे माइक्रोसॉफ्ट डिजिटल युग में एक अग्रणी कंपनी के रूप में स्थापित हुआ है।

1 Comments

  • You’ve tackled this subject really well—good job!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *