एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (AMR): एक बढ़ती हुई वैश्विक चुनौती
AMR क्या है?
एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (AMR) तब होती है जब सूक्ष्मजीव जैसे बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और परजीवी उन दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं, जो उन्हें मारने के लिए बनाई की गई होती हैं। इससे सामान्य संक्रमणों का इलाज करना कठिन हो जाता है, जिससे बीमारियाँ लंबी चलती हैं, इलाज का खर्च बढ़ता है और मृत्यु दर बढ़ती है। AMR मुख्य रूप से मानव, पशु और कृषि में एंटीमाइक्रोबियल (जैसे एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरल, और एंटीफंगल) के अनुचित और अत्यधिक उपयोग के कारण होती है।
AMR क्यों बढ़ रही है?
AMR या एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस (Antibiotic Resistance) के बढ़ने के कई कारण हैं:
- एंटीबायोटिक्स का अत्यधिक उपयोग: एंटीबायोटिक्स का व्यापक और अक्सर अनावश्यक उपयोग प्रतिरोधी स्ट्रेनों के विकास को तेज करता है। उदाहरण के लिए, वायरल संक्रमणों के लिए एंटीबायोटिक्स को बार-बार प्रिस्क्राइब किया जाता है, जबकि वे इनके खिलाफ प्रभावी नहीं होते और अन्यथा पिल पॉपिंग, सेल्फ मेडिकेशन इत्यादि।
- कृषि में दवाओं का गलत उपयोग: मवेशियों में रोगों की उपशामक रोकथाम के लिए स्वस्थ जानवरों में एंटीबायोटिक्स का प्रयोग किया जाता है। ये प्रथाएँ खाद्य श्रृंखला और पर्यावरण में प्रतिरोधक बैक्टीरिया का प्रवेश कराती हैं।
- संक्रमण नियंत्रण की कमी: स्वास्थ्य सुविधाओं और समुदायों में उचित स्वच्छता और संक्रमण-रोकथाम उपायों की कमी से प्रतिरोधी सूक्ष्मजीवों का प्रसार बढ़ता है
- नई एंटीबायोटिक्स का अभाव: नई एंटीबायोटिक्स का विकास धीमा हो गया है, जिससे प्रतिरोधी संक्रमणों से लड़ने के लिए कम विकल्प रह गए हैं।
- वैश्वीकरण: ग्लोबल यात्रा और व्यापार में वृद्धि ने प्रतिरोधी रोगजनकों के सीमा पार तेजी से फैलने को बढ़ावा दिया है।
AMR को बढ़ने से रोकने के लिए हम क्या कर सकते हैं?
AMR से लड़ने के लिए वैश्विक स्तर पर समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है, इनमें प्रमुख हैं:
- एंटीबायोटिक्स का जिम्मेदारी से उपयोग: केवल डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब किए गए एंटीबायोटिक्स का उपयोग करें, पूरी दवा की खुराक लें, और कभी भी बची हुई दवाइयाँ न इस्तेमाल करें।
- नियम क़ानून को मजबूत करना: सरकारों को मानव स्वास्थ्य और कृषि दोनों में एंटीमाइक्रोबियल के उपयोग पर कड़े नियम लागू करने चाहिए।
- टीकाकरण को बढ़ावा दें: टीके संक्रमणों को रोककर एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता को कम करते हैं।
- स्वच्छता और शुद्ध जल में सुधार: हाथ धोने, स्वच्छ पानी की उपलब्धता, और बेहतर स्वच्छता जैसे सरल उपाय संक्रमणों के प्रसार को कम कर सकते हैं।
- अनुसंधान को प्रोत्साहन: नई एंटीबायोटिक्स और वैकल्पिक उपचारों के विकास के लिए फार्मास्युटिकल कंपनियों को प्रोत्साहित करना चाहिए।
- जान जागरूकता में बढ़ावा: जन जागरूकता अभियानों के माध्यम से लोगों को AMR के खतरों और जिम्मेदारी से एंटीमाइक्रोबियल के उपयोग के महत्व के बारे में शिक्षित किया जा सकता है।
यदि AMR पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो क्या होगा?
यदि AMR को रोकने के लिए तात्कालिक कदम नहीं उठाए गए, तो दुनिया एक ऐसे संकट का सामना कर सकती है जैसा कि एंटीबायोटिक दवाओं के अविष्कार से पहले था। सामान्य संक्रमण जैसे न्यूमोनिया (Pneumonia), मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) और सेप्सिस (Sepsis) का इलाज करना असंभव हो सकता है। सामान्य चिकित्सा प्रक्रियाएँ, जैसे सर्जरी और कीमोथेरेपी में जानलेवा संक्रमणों का जोखिम बढ़ेगा। आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा क्योंकि स्वास्थ्य देखभाल की लागत बढ़ेगी और लंबी बीमारियों और मौतों के कारण उत्पादकता घटेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) चेतावनी देता है कि यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो 2050 तक AMR के कारण हर साल 1 करोड़ से अधिक मौतें हो सकती हैं।
AMR एक अत्यंत महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती है। एक सक्रिय और एकजुट दृष्टिकोण अपनाकर हम इसके प्रसार को धीमा कर सकते हैं, सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं, और भविष्य की पीढ़ियों के लिए जीवन-रक्षक एंटीमाइक्रोबियल की प्रभावशीलता को सुरक्षित रख सकते हैं।