Friday February 7, 2025
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महाकुंभ 2025, जो भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। यह आयोजन हिंदू धर्म के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण मेलों में से एक है, जिसमें लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर पवित्र स्नान करने के लिए एकत्रित होते हैं।

महाकुंभ का महत्व

महाकुंभ हर 12 वर्षों में एक बार आयोजित होता है और इसका उल्लेख प्राचीन हिंदू ग्रंथों में मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र स्नान से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

प्रमुख तिथियां

महाकुंभ 2025 का आयोजन जनवरी से अप्रैल तक होगा। इस दौरान मुख्य स्नान की तिथियां निम्नलिखित हैं:

  • मकर संक्रांति: 14 जनवरी 2025
  • पौष पूर्णिमा: 25 जनवरी 2025
  • मौनी अमावस्या: 10 फरवरी 2025
  • बसंत पंचमी: 14 फरवरी 2025
  • माघी पूर्णिमा: 24 फरवरी 2025
  • महाशिवरात्रि: 11 मार्च 2025

विशेष आकर्षण

  • आध्यात्मिक कार्यक्रम: धार्मिक प्रवचन, भजन-कीर्तन और योग शिविर।
  • अखंड आस्था: विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों का संगम।
  • संस्कृति की झलक: मेले में भारत की विविधता और समृद्ध संस्कृति के दर्शन।

यात्रा और व्यवस्था

प्रयागराज सरकार और प्रशासन ने इस आयोजन के लिए विशेष तैयारियां की हैं। यात्रियों के लिए विशेष ट्रेन और बस सेवाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, मेले में सुरक्षा, स्वच्छता और चिकित्सा सेवाओं का भी ध्यान रखा गया है।

महाकुंभ 2025 एक ऐसा अवसर है, जहां श्रद्धा, संस्कृति और आध्यात्म का संगम देखने को मिलेगा। इस दिव्य आयोजन में भाग लेकर इसे यादगार बनाएं।

हर हर गंगे!

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