एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (AMR): एक बढ़ती हुई वैश्विक चुनौती
भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ 22 जनवरी 2025 को मनाई जा रही हैं। यह तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार पौष शुक्ल द्वादशी को पड़ती है, जो भगवान रामलला के मंदिर में उनकी मूर्ति स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर की याद दिलाती है।
इस पावन अवसर पर अयोध्या में भव्य आयोजन किए गए, जिनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्यक्रम शामिल थे:
- विशेष पूजा-अर्चना: रामलला का अभिषेक, मंत्रोच्चार और भोग अर्पण।
- आरती और कीर्तन: भक्तों ने भगवान राम की महिमा का गान किया।
- राम कथा और प्रवचन: संतों और विद्वानों ने भगवान राम के जीवन और आदर्शों पर प्रवचन दिए।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम: भजन, नृत्य और नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से भगवान राम की गाथा का मंचन।
- भंडारा और प्रसाद वितरण: भक्तों के बीच प्रसाद और भोजन का वितरण किया गया।
यह दिन भगवान राम के भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र और उल्लासपूर्ण रहा। प्राण प्रतिष्ठा की यह वर्षगांठ राम मंदिर के निर्माण और उसके महत्व को श्रद्धालुओं के हृदय में और गहराई से स्थापित करती है।