एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (AMR): एक बढ़ती हुई वैश्विक चुनौती
जीवन में सुख और दुख दोनों ही स्थायी नहीं हैं। इसलिए, जब सुख मिले तो अहंकार न करें, और जब दुख आए तो धैर्य न खोएं।
जीवन में सुख और दुख दोनों ही अस्थायी होते हैं, अर्थात वे हमेशा नहीं रहते। सुख के समय में अहंकारी या घमंडी नहीं बनना चाहिए क्योंकि वह भी समय के साथ समाप्त हो सकता है। इसी तरह, दुख के समय में निराश या अधीर नहीं होना चाहिए क्योंकि वह भी समय के साथ गुजर जाएगा।
यह संदेश हमें सिखाता है कि जीवन में संतुलन बनाए रखना चाहिए और हर परिस्थिति को धैर्य और नम्रता के साथ स्वीकार करना चाहिए।
#Motivation #NeverGiveUp #BelieveInYourself #Success