एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (AMR): एक बढ़ती हुई वैश्विक चुनौती
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
हम तीन नेत्रों वाले भगवान शिव की पूजा करते हैं, जो सुगंधित हैं और जीवन के पोषणकर्ता हैं। जैसे पकने पर खीरा बेल से स्वतः अलग हो जाता है, वैसे ही हमें मृत्यु और संसार के बंधनों से मुक्त करें और अमरत्व (आध्यात्मिक मोक्ष) प्रदान करें।
यह मंत्र भगवान शिव का आह्वान है और जीवन में शांति, स्वास्थ्य, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए इसका जाप किया जाता है।
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