Tuesday December 10, 2024
Generic selectors
Exact matches only
Search in title
Search in content
Post Type Selectors

आज का सुविचार

काम, क्रोध और लोभ आत्मसात के त्रिविध द्वार हैं, इसलिए इन तीनों को त्याग देना चाहिए।

इसका अर्थ यह है कि काम, क्रोध और लोभ हमारे मन और आत्मा को कलुषित करने वाले तीन प्रमुख दोष हैं। ये हमें सत्य, धर्म और आत्मिक शांति के मार्ग से भटकाते हैं। इसलिए, इन बुराइयों का त्याग करना चाहिए ताकि हम आत्मिक उन्नति और शांति प्राप्त कर सकें।

यह विचार भगवद गीता (अध्याय 16, श्लोक 21) से प्रेरित है, जहां इन तीनों दोषों को नरक के द्वार बताया गया है। इनसे बचने से व्यक्ति अपने जीवन को उच्चतर उद्देश्यों की ओर ले जा सकता है।

#Motivation #NeverGiveUp #BelieveInYourself #Success

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *